|| हे वीर मधेशी ध्यान धरु (क्रान्ति कविता) ||

हे वीर मधेशी ध्यान धरु
 अपन स्तर पहिचान करु
 छी बापक जन्मल बेटा जँ
 माँ मिथिलाके के उद्धार करु
 हे वीर मधेशी .........

लेहु स लतपत भेल मधेश
 आबो एकरा समाधान करु
 जे टुटि पडल अछि मिथलापर
 ओकरो घरके समसान करु
 हे वीर मधेशी ध्यान धरु .....

अहीँके श्रम सँ देश बनल
 अहीँके त्याग सँ जगमग छै
 छै मुदा ने तैयो मोल कोनो
 शोषण हर ठाँ आ हरदम छै
 जँ आन यै अपना पुर्खाके त
 एहि बातक उपदान करु
 हे वीर मधेशी ..........

अछि कतौ बापक लास पडल
 कतौ माएक चीतकार सुनए
 अछि सोनितके गंगा कोम्हरो
 कियो बहिनेके बलत्कार करए
 छी एक बापके जन्मल जँ
 बिरुद्ध एकर प्रतिकार करु
 हे वीर मधेशी ..........

देखियौ न ककरो घर जरए
 केम्हरो देखियौ पत्रकार मरए
 जे सूचना दैए सही सदगुण
 ओकरे प' पुलिस टुटि पडय
 नै छोडी कलम
 सत्य मुदा
 अन्याय बिरुद्धक जंग लडु
 हे वीर मधेशी ..........
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__✍ विन्देश्वर ठाकुर 
जनकपुर धाम (नेपाल)
हाल : दोहा, क़तार