गज़ल ~ अबला नारी

अबला नारी छी हम अहाँ लेल
तइँ सरकारी छी हम अहाँ लेल॥

जनमेसँ नञि पेटहिके भित्तरसँ,
माथक भारी छी हम अहाँ लेल ॥

कतबो जँ पसारि दी ईजोरिया,
झामर कारी छी हम अहाँ लेल ॥

हत्या-हिसांक दोकान पर भेल ,
नित उधारी छी हम अहाँ लेल ॥

साँस छिनि जोतैत- जीवैत रहु ,
मसिन गाड़ी छी हम अहाँ लेल ॥

अहाँके दिलक दैव दुष्ट बनल,
तैयो पूजारी छी हम अहाँ लेल ॥
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__.✍ विद्यानन्द वेदर्दी 
राजबिराज, सिरहा (नेपाल)