नारीक बुद्धिमानता

एक अमीर आदमीक शादी बुद्धिमान स्त्री सँ भेल। अमीर हरसठि अप्पन पत्नी सँ तर्क आओर वाद-विवाद मेँ हारि जाएत छल। पत्नी कहलक की स्त्रिसब सेहो मर्द सँ कम नहि छथि.... तब अमीर आदमी कहैत छैक "हम दु वर्षक लेल परदेश चलि जाएत छी। अहाँ ई दु वर्ष में एक महल, बिजनेस मेँ आम्दानी आओर एक बच्चा पैदा करि के दिखा दु !"
अमीर आदमी परदेश चलि गेल... पत्नी अप्पन सम्पूर्ण कर्मचारी के ईमानदारीक बोध जगाबिक आओर मेहनत के गुण भरि देलखिन। कर्मचारी सभक टका सेहो बढ़ाबि देलखिन। सब कर्मचारी खुश भ क दिल लगाबिक काज करे लगलनि। कम्पनी के आम्दानी ज्यादा बढ़ लगलनि।

अमीरक पत्नी किछ दिन बाद महल सेहो बनाबि लेलखिन...आ हुनकर पत्नी दश गाई पाललखिन... गाई के बहुत खातिदारी कएलखिन...गाई के दूध बहुत भेल... ओई दूध सँ दही जमाबिक परदेश मेँ दही बेच चलि गेलखिन भेष बदलि क...अप्पन पतिक पास बदलल भेष मेँ दही बेचलनि... आ रूप के मायाजाल मेँ फँशाबिक शारीरिक सम्बन्ध बनाबि लेलखिन।

फेरु एक दु बेर आओर सम्बन्ध बनाबिक उपहार मेँ औंठी लक अप्पन घरे आबि गेलखिन। पत्नी एक बच्चा के माई सेहो बनि गेलनि। दु साल पुरलाक बाद पति अप्पन घर लौट क चलि आएल। महल आ शानो-शौकत देखिक पति दंग आओर प्रसन्न भ गेल। मुदा जेनाहि पत्नीक गोदी मेँ बच्चा देखिक खिसियाक जोर सँ चिकरेय लागल... केकर छैक ई ??? पत्नी अप्पन जँ दही वाला गुजरल बात याद देबैलखिन आ हुनकर देल उपहार में दियल औंठी देखैलखिन त अमीर बहुत खुश भेल।

पत्नी कहैत छैक "यदि उ दहीवाली मौंगी हमर जगह पर कोनो आओर रहितैक त ? ई ''त'' के उत्तर त सम्पूर्ण पुरूष जाति के पास नहीँ छैक ??????????????????? 
नारी नर के सहचरी, ओकर धर्म के रक्षक, ओकर गृहलक्ष्मी आ ओकरा "देवत्व" तकि पहुँचाबवाली "साधिका" छथि।
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__✍ एस के मैथिल 
स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक,



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