|| चिंताक रेघा ||

कखनो रूसनाई कखनो मनेनाई हुनकर
कखनो हँसनाई कखनो कननाई हुनकर
बाँचल जिनगी एहिना बीतल जाई अछि
एक मात्र नोर नहि देखल जाईयै हुनकर ।

महिन ताग सँ गुँथल अछि सम्बन्धक माला
सजैल अछि करीना सँ एक रिश्ताक डाला
भजिया लेने छी हम कथि सँ ओ खुश रहती
मुँह पर उदासी कहाँ देखल जाईयै हुनकर ।

खटपट तऽ दाम्पत्य जिनगीक शोभा सुंदर छै
अहु में अपन एक अलगे मिठास भरल रहै छै
अलग भऽकऽ एकपल रैह नै सकैत छी हम
चिंताक रेघा माथ पर नै देखल जाईयै हुनकर।

सरल शब्द में सिनेहक ईएह परिभाषा बुझै छी
पति पत्नी एक दोसराक पूरक बनि' जिबैत छी
सदिखन, अँतिमो समय में संग रहय चाहै छी
असगर छी ई एहसास नै देखल जाईयै हुनकर ।
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