हाल जिनगीके कि हम बताऊ राधा , मोन होइय जिवते मरि जाऊ राधा॥ लागैय चहुँओर गुजगुज अन्हरिया , नेहकऽ दिप लेसने अहाँ आऊ राधा॥ पागल सन अनेरे तकैत छी सगरो , …
Read moreRead more
एकदिन सोनु मोनु गाउँ सँ बाहर घुमेबाक लेल गेल छल। बाट्में एगो पैघ आदमी अप्पन कपार के पत्थर प ऽ खूब जोर सँ पिट रहल देखिक ऽ सोनु कहैत अछि ! सोनु : रे ! मो…
Read more__.✍ एस के मैथिल स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक, शिवपथ रोड, धनुषा (नेपाल) पिरितिया सारिका अखन धरि ऑनलाइन नै एलै ! ओ त' व्हाट्स एप्प कयने छ…
Read more__.✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तार माघ महिना, शनि दिन चारुदिस घोकसी आ धोनही लागल रहैक । एहनमे सीरक,बलैंकेट आ घुरसऽ बाहर…
Read moreहिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई , एत: कहलबैत अछि भाई-भाई ! मिथिलाकऽ संस्कार जनहितमें समर्पित , प्राण जाई मुदा वचन नै जाई !! © एस के मैथिल
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
Read moreपत्नी : हे यै सुनै छियै ? बजार जाइछी तऽ लिपिष्टिक लेने आएब प्लीज । पति : जा ! जा ! ई कोन नाटक ?? पछिले सप्ताह तऽ अहाँके लिपिष्टिक लाबि…
Read moreप्रेममें जियवला खुश नसिब अछि , प्रेममें मरैवला भि ऽ अजिब अछि ! अजिब अछि हमर दास्तां !! हमर साजन दूर रहियोक ऽ भि ऽ , हमर दिल के करिब अछि !!!
Read moreमुह देखैला अहाँ के सजना , कछमच मन करैय ! बिना अहाँ सँ बात कयने , आँखिमें जेना निन नै होइय !!
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग ~ ८ ( साँझ होइते राक्षस अपन बासस्थान पर वापस आवै छथि आ अपन बेटी…
Read moreबिगत दू साल सँ सात समुन्दर पार ई मरुभूमिकऽ देश में अपन श्रम बेच रहल हम आइ हमरा घर जेबाक समय पूरा भऽ गेल मुदा - तैयो मोन पूर्ण सन्तुष्टि नै अछि खटकैत…
Read moreस्वर्गसँ सुनर हमर मिथिला जग प्रसिद्ध जनकपुरधाम सीया-धीया जन्मली जहिठाँ ओएह दिव्य अछि हमर गाम __.✍ विन्देश्वर ठाकुर…
Read moreमाई सँ ई दुनियाँ जहान थिक , माई बिनु ई जिनगी हैरान थिक !! घुमि आउ अहाँ सारा दुनिया , माई के चरणमें बसल भगवान थिक !! अपने भुखले सुति अहाँक खुवैलखिन , …
Read moreमिथिलाकऽ शान अछि धोती , मैथिलीकऽ पहिचान अछि धोती ! नै बिसरब हम अपन संस्कार , कियाकी मैथिलीकऽ जान अछि धोती !! नै बदलब हम अपन पहिरन , नै बदलब हम अपन भेष…
Read moreमनक अरमान त ऽ इहे छल की , जीयब मरब अहाँक ऽ संग ! इ जिनगी चलैत रहे अहिंक ऽ हाथ पकैड़ क ऽ , मुदा, किस्मत के इ मंजूर नै छलैथ एलै एहन हवाके झो…
Read moreधनिकऽकऽ बेटी भेलै सियानी , पढि लिखकऽ भेलै ओ ज्ञानी ! तें अक्षर - अक्षर जोड' दिअ , बाबू यौ हमरा पढ' दिअ !! हमरा पऽ करू अहाँ आसा , नै करब हम अ…
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग ~ ७ ( नवधिया चलि दैत छथि ओई लाल के जोडी लएबाक लेल । जाएत - जाए…
Read moreहे मिथलावासी मैथिलगण भेलौ अहाँ कोना पथभ्रष्ट ? हे यौ देश कनैय अश्रुधार सुतल छी तैयो मस्त मगन जँऽ आन यै कनियो पुर्खाके तऽ देश ई अप्पन जतन कऽ लिअ कयलौं…
Read moreहर मनुष अछि अपना खुशी के नियन्त्रक संग हकदार । मुदा परिश्थिति संग बदलैत जिनगी कस्टकर अछि संसार ।। __.✍ अब्दुर र…
Read moreस्कूल, कलेज बन्द रहल अछि पार्टी कार्यकता बढिए रहल अछि आन्दोलन देशमे चलिए रहल अछि बेरोजगार के धन्धा भेटिए रहल अछि छत पर जनता चढिए रलह अछि हेलीकप्टर पर न…
Read moreगोरी लाल गुलाबी गाल अहाँके बड़ सुन्दर अछि फेस ! कतेक दिवान फाँसी चढ़ि जायत दखिकऽ अहाँक रेश्मी केस !! __.✍ प…
Read moreअहिं छी जीव के आस प्रिय ! हम केलौ अहिं पऽ विश्वास प्रिय !! प्रेमकऽ ई फूल हृदय में फूलाकऽ ! करेलौ प्रेमकऽ एहसास प्रिय !! मोनकऽ ई बात कहै छी अहाँ के ! …
Read moreबैसल हाथ पऽ हाथ राखि रहब कतेक दिन , जागु उठु शोषन दमन सहब कतेक दिन !! जँ मानैत नै छै तऽ उठा लिअ हाथमें हथियार , छिनु हक़ प्रेमकऽ भाषा सँ कहब कतेक दिन !…
Read moreआब तऽ असगर जीब मुस्किल यऽ मिता , चारूओर देखा रहल झिलमिल यऽ मिता !! कहादनि तमसा गेल मोनक देवता हमर , तबे प्रीतमें हमरा, लागल गहिल यऽ मिता !! हरक्षण ओकर…
Read moreहमरो बौवाकें मामा , किनके लैथिन जामा ! बौवा जेथुन मामा गाम , आएल छै बौवाकें नाना !! नानाके बारीमें फरल लताम , बौवाके मुंहमें भेल नै दाँत ! बौवाके नान…
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग ~ ६ ( नवधिया राजा के घर जाएत छथि। राजा द्वार पर रहै छथि । नवधि…
Read moreबेच देलियै हमर सच्चाँ प्रेम अहाँ बजार में , खोजि देखु अशरफ भेटत नै लाखो हजार में !! हृदय हमर निकाएल हाथ पऽ राखि कऽ आहाँ , निलाम कऽ देलौ खार कऽ बीच ओहि ख…
Read moreदुनिया के हरेक खुशी अहाँक मिले , अहाँक चेहरा पर हरदम मुस्कान खिले ! दुनिया के हर गम सँ रहू अहाँ कोसो दूर , आजुकऽ दिन अहाँक याह् वरदान म…
Read moreहम मैथिल छी , मिथिलावासी ! पाग हमर , स्वाभिमान थिक !! जगमें मैथिलीकऽ पहिचान करौलखिन , हुनके महाकवि , विद्यापति नाम थिक !! अप्पन भाषा - अप्पन…
Read moreमिथिलाके अछि शान विद्यापति हमरासबहक जान विद्यापति गम गम गमकै छैक ई भाषा मैथिलके पहिचान विद्यापति पसरल सगरो गीत छै हुनकहि संगीतकऽ सुर-तान विद्यापति …
Read moreअनेक किसिमकऽ भाषन दऽकऽ, विश्वास सबके करेलौ अहाँ ! कुर्सी पाछा बेहाल रहैछि, भोट लऽकऽ परेलौ अहाँ !! अासा छल बड़ हमरा सबके मिथिला मे नव भोर होतै ! सबहक सप…
Read moreयौ जी एखनो कि सोचैछी , बेर-बेर किय माथ पिटैछी ! रङ्गभूमिमे तान्डब्य मचल अछि , अहाँ कोना विश्राम करैछी ? [ १ ] मिथिला जननी खूब कनैय , आखिसँ श्रवन नोर ब…
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin