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Maithili Shayari ~ छे तू हमर रूपमती ...
|| महराज ! ऐना किय ? ||
|| गरीबक' पिड़ा ||
गज़ल ~ मन रहत कारी तऽ माटि रेबारात
गज़ल ~ आगामें भीड़ देख लोग नुकाइ छै
गज़ल ~ कोइली सन मधुर स्वर अहाँ के
Lyrics_जहिया सँ हमर नैना