जे नहिं देखलक लाई ! से देखलक मिठाई !!
Read moreछवि : मैथिली कलाकार सरिता साह अहाँ प्रेमक एहसाश चाही, ई दिल के सुनेवाला आवाज़ चाही ! हमरा आओर किछ नै चाही, अहाँक साथ चाही !! अहाँक एक नज़र देखिक, दिलक…
Read moreछवि : नाविका पूर्वे भान नहि भेल साले साल जानकी नवमी जँका मनाबति जन्मोत्सव आ की आँगनमे गुड़कति दीग दीग थैया करति खसैत उठैत थाकल ठेहियेल…
Read moreसासु नई छथि गाम मन होइया खिरिया राइन्ह-राइन्ह खाऊ ! पिया नई छथि गाम मन होइया कतऽ-कतऽ जाऊ !!
Read moreमोन पारु बिसरल बात मोन पारु अपन माएक बोल सदिखन अहाँ उचारु जे शब्द सब परता पड़ल जाइए जे सँस्कृती सब आब उठल जाइए हे यौ बगरीया तेकरा सब मिलि उराहु…
Read moreहे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी फोलू ज्ञानक भंडार ह'म अज्ञानी शरणमे अयलहुं शीश झुकओने ठाढ़ । श्वेतवस्त्राम्बुज कमलासिनी वाणी सुधा रसधार कोकिल कंठ दिय'…
Read moreबिन्ती हे माँ सरस्वती, जिनगी हमर समहारि दिय हम अज्ञानी ज्ञानक दिप अहाँ, अहिबेर बाइर दिय आखिँ देखतो आँन्हर छी, अहाँक आशिष बिनु कोन जुक्ति लगाक हम इ अहाँ …
Read moreमाँ सरस्वती दियौं अहाँ सबके बुद्धि,ज्ञान हे अहिं हंसवाहिनी छी अहिं ज्ञानक भन्डार हे बौवा, बुच्ची, सँ लऽकऽ यहाँ बुढ़ बृद्धा सबके ज्ञानक जोती बारैत रहू…
Read moreहरिणक गवाही सुगर देल ! दुनू पड़ा कऽ बने गेल !!
Read moreज्ञानक गठरी खोलि दही न माई बुद्धिक ज्योति बारि दही न माई अज्ञानी के सदैत ज्ञान दैत छिहि तू एस के के सेहो निखारि दही न माई …
Read moreतिले तिल आब बढ़त दिन सभक मोनमें ई बात गढ़त दिन भोरे भिन्सर उठि नहाँ-सोनांह कऽ बौआ बुच्ची लाई' लेल लड़त दिन मिथिला …
Read moreकिछ पाबैक लेल , दिन राति मेहनत करे परैत अछि !
Read moreचौबनीया मुस्कि मारलक बेजोर उरल मोन गगन के ओर धियापूता मोन नै बूझलकै दौरल उरैत तितली के पाछू रूचीगर सँ खेए लागल प्रेमक कचरी पहीनके कर मे परल अकरी …
Read moreछवि : प्रिना तिवारी भूलो सँ हम आहाँके भूलि' नै पबैछी । मोन मे अहिंक तस्वीर गढैत रहैछी ।। नैनक' तीर चला करेजा केलौ छल्ली । तिरछी नजरि' सँ…
Read moreकोन बसात बहलै सब किछु उड़िया लऽ गेलै दैवा हमर जिनगीक खुशी क्षणहि उड़ा लऽ गेलै । बैसल कानि' रहल छी अप्पन दुर्दशा देख रहल छी नेह चिरई के हमरा सँ बेदर…
Read moreरे भाइ एक दिन हमहुँ अमिर बनबै अपना जिनगी`के अपने तकदिर बनबै भल्ही छि हम दुःखक रड जका फेकल धधकैत आगिमे पिघला कऽ जन्जिर बनबै असहाए के सहयोग कऽ झोली …
Read moreगरम परोठा मक्खन वाला, भोरे-भोर अजमाऊ। आ भोजन में दाईल-भात-घी, तीमनक संग में खाउ। तखनहि भेंटत पूर्ण विटामिन, पोषक तत्व अहाँ पायब। दिनभर उड़…
Read moreआँखि' - आँखि' सँ इसरा चलि' गेलै, नज़र के तीर दिल पऽ गडि' गेलै ! अधूरा छल अहाँ बिन हमर जिनगी, एलौं तऽ ई जिस्म के जान मिल गेलै !!…
Read moreबाबू हौ नई हम जईवो काम करैला हमरा लिखा दा स्कूल मे नाम सबगोटे जाइ छैक स्कूल पढ़ हमरा कईला, करबैत छा काम धन्दा हौ बाबू ! लिखादा स्कूल मे नाम हौ बाबू …
Read moreदिल सँ दिल मिल'लऽ प्रेमक' बैसार भेलै । रहि असगर हम कतेक दुलार भेलै ।। एतेक दिन छलै प्रेम दिलमे नुकाएल । आई जन जनके बिचमे देखार भेलै ।। आँखि'…
Read moreबिधना लिखल मेटल नहिं जाय !!
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
Read moreकहुना - कहुना जिनगी जि रहल छी फाटल करेज प्रेमक धगासँ सिरहल छी शायद दोख हमरे रहे जान यै, तें अहाँक देल जहर अमृत समझिक पि रहल छी …
Read moreगेल माघ २९ दिन बाँकी....
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