जगले छी भगले छी अँहु आउ तकले छी छोडब नै लगले छी धनकल नै पकले छी संगे रहब बँटले छी ___________________________________________ __.✍ राम सोग…
Read moreउगि गेल चौठी के चान खाली हाथ नै देखू कियो हम होई अथवा होई आन ! दही के मट्कुरी लिय या लिय पुरुकिया के पँपथिया सब गोटे कर जोरि करू प्रणाम !! मिथ…
Read moreनई हार नई जीत होएत अछि। प्रेममें सब अजीब होएत अछि।। डेग-डेग पऽ खिचल छैक लक्ष्मण रेखा। मिलऽल आ बिछरल नसीब होएत अछि।। कियो दुर तऽ कियो करीब होएत अछि। प…
Read moreघर-घर पाड़ल अरिपन देखियौ पसरल पुरी पकवान छै मेघ त'र सँ चंदा निकलल पावनि चौठीचान छै। खाजा लड्डू दही केरा आओर पान मखान छै प्रथम पूज्य आई घर-घर अओताह …
Read moreजे दुःख सँ लैड कऽआगू बढ़ैत अछि, हुनका पऽ सुख सर झुक्बैत अछि !!
Read moreअबला नारी छी हम अहाँ लेल तइँ सरकारी छी हम अहाँ लेल॥ जनमेसँ नञि पेटहिके भित्तरसँ, माथक भारी छी हम अहाँ लेल ॥ कतबो जँ पसारि दी ईजोरिया, झामर कारी छी हम…
Read moreहे वीर मधेशी ध्यान धरु अपन स्तर पहिचान करु छी बापक जन्मल बेटा जँ माँ मिथिलाके के उद्धार करु हे वीर मधेशी ......... लेहु स लतपत भेल मधेश आबो एकरा…
Read moreहे नटवर गीरीधर गीरीधारी । केशव माधव कृष्ण मुरारी ।। बाट जोहैथ राधा आठो याम यौ । घूरि आउ कान्हा गोकुल धाम यौ । सुन जमुना तट, उदास छै गैया । बाट जोहै …
Read moreउगऽ झट्ट दऽ जुड़ाबऽ जान हे धूमधामसँ पूजब चौठी-चाँन हे चिकनि माटिसँ सभतरि निपलहुँ पिठारक अनेक अरिपन लिखलहुँ चमचम चमकै अंगना-दलान हे उगऽ झट्ट दऽ जुड़ाबऽ …
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