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गज़ल ~ संगे रहब
|| उगि गेल चौठी चान ||
|| नसीब ||
|| पावनि चौठीचान ||
Maithili Anmol Vachan ~ जे दुःख सँ लैड कऽ
गज़ल ~ अबला नारी
|| हे वीर मधेशी ध्यान धरु (क्रान्ति कविता) ||
|| घूरि आउ कान्हा ||
गीत ~ धूमधामसँ पूजब चौठी-चाँन हे