__. ✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तर - भुली गै ! आइ कोन दिन छै ? - आँए रौ, बुझिक' एना अनठबैछे किए ? सोम नै छै…
Read moreआँगनक तुलसी कोन कारणे, आई भेलै महकारी दहेजक हावा ऐहन चललै,बेटी आई भेलै भारी तुलसी इ तुलसी खेलसँ, तुलसीक बिज तारल जाई कि तँ कोडियाईते आ लहलहाइते, फेर मार…
Read moreडिजे बजतै डांस होतै आधा राति' सँ पार्टी करबै हबेली पऽ । १४ फरवरी के ब्रेकअप पहिल बर्षगाठ बनेबै हबेली पऽ ।। शाकाहारी, मांसहारी दुनु प्रकारक भरपुर बेवस…
Read moreकलाकार : कृष्णा कुमार महतो आ रामा हमरो मन करैय कि हमहु किनको सँ प्रेम करितौं !! नयन सँ नयन मिला कऽ नैना चारि करितौं, मुदा ई हमर भाग्य में कहाँ ! ई त…
Read moreजखन स्वान्तः सुखक सिमान नाघि आनक उपहासक नीमित बनि जाइछ, ठोर पर अरिपन सन पारल मुसकी जखन अहंकारक अट्टहास गढ़ैछ तखन ओकर हँसब मात्र हँसब नहि रहि जाइछ ओक…
Read moreजाड़क अलसाएल भोरमे माघक घनघोर कुहेस सन हमर मन-मिजाज मे पसरि गेल छी अहाँ बाबाक सझिया खेतक एक पैरिया आरि पर जन्मल हरियाएल कोमल दूभि पर जमकल ओसक बुन्न …
Read moreहोलीमे देबरा करैत छलै तंग यौ सुन्नर जवानीमे डालै छलै रंग यौ सरारारा जोगिरा सरारारा रंग अबिर उडैट छलै उपर देबरा हमर लागै छलै कबुतर रंग लगाबै बलाउजके भि…
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