हमर नैन सँ नैन मिलाकऽ अहाँ !
अप्पन नैन में बसा लिअ हमरा !!
हजारों भवरा अछि अहाँकऽ आगा - पाछा, मुदा !
अप्पन श्रृंगार समैझकऽ सजा लिअ हमरा !!
अहाँकऽ देखिकऽ इ मन मचैल रहल अछि !
अप्पन हाथ इ दिल पऽ रैख, रुका लिअ हमरा !!
गम में भी कहियो उदास रहब तऽ !
अप्पन सुन्दर चेहराकऽ हँसी सँ हँसा लिअ हमरा !!
ई दुनियाकऽ नज़र सँ बहुत दूर !
अप्पन दिल के महलमें नुका लिअ हमरा !!
लेखक : एस के मैथिल
जनकपुर धाम, धनुषा ( नेपाल )
हाल : मुम्बई
अप्पन नैन में बसा लिअ हमरा !!
हजारों भवरा अछि अहाँकऽ आगा - पाछा, मुदा !
अप्पन श्रृंगार समैझकऽ सजा लिअ हमरा !!
अहाँकऽ देखिकऽ इ मन मचैल रहल अछि !
अप्पन हाथ इ दिल पऽ रैख, रुका लिअ हमरा !!
गम में भी कहियो उदास रहब तऽ !
अप्पन सुन्दर चेहराकऽ हँसी सँ हँसा लिअ हमरा !!
ई दुनियाकऽ नज़र सँ बहुत दूर !
अप्पन दिल के महलमें नुका लिअ हमरा !!
लेखक : एस के मैथिल
जनकपुर धाम, धनुषा ( नेपाल )
हाल : मुम्बई