गज़ल - हमर नैन सँ नैन मिलाकऽ अहाँ !!

हमर नैन सँ नैन मिलाक अहाँ !
अप्पन नैन में बसा लिअ हमरा !!

हजारों भवरा अछि अहाँक आगा - पाछा, मुदा !
अप्पन श्रृंगार समैझक सजा लिअ हमरा !!

अहाँक देखिक इ मन मचैल रहल अछि !
अप्पन हाथ इ दिल प रैख, रुका लिअ हमरा !!

गम में भी कहियो उदास रहब त !
अप्पन सुन्दर चेहराक हँसी सँ हँसा लिअ हमरा !!

ई दुनियाक नज़र सँ बहुत दूर !
अप्पन दिल के महलमें नुका लिअ हमरा !!

लेखक : एस के मैथिल  
जनकपुर धाम, धनुषा ( नेपाल )
हाल : मुम्बई