दाया अहाँ करियौ मैयाँ, ज्ञानक दीप के जराबु हे ! बिद्याक सागर अहिँछी मैयाँ, हमरो ज्ञानी बनाबु हे !! हंसवाहन कमलविराजन, बिणा पुस्तक धारिणी ! अज्ञानता क…
Read moreभोरके सुरजक लाली सन ओ माथक सेनुर आ मृगनैनी सन आँखिमे काजर कएने ललका बिन्दिया आ ललके ठोरङा सँ ठोर रंङने पायल छमकाबैत जखन ससुराल मे दाहिना डेग अपना साजन के…
Read moreखेत जरिगेल अकाश सुखिगेल, सुखिगेल कुँवाक पानि, कलक पानि गरम बनिगेल, बनिगेल जमिन पाथर बर्षाक एकहु बुन्द नई गिरल, सुखिगेल नदीक पानि, खेत खरियान सब कु…
Read moreरोवके दिन अछि, तैयो नोर बचाक रखने छी ! धोका भेल जतेक, सब टा सजाक रखने छी !! आब बितल याद कैयो कऽ, हम कि कऽ सकैत छी ! बस अपना मनमे एकटा घाउ जगाक रखने छी !…
Read moreबर्खा-बर्खा, चारुदिस बर्खा, आएल अखारक महिना यौ !! बारिए झारिए बेङ कुहकैए, होइये दिनभर बर्खा यौ !! एह छै अखारक महिना यौ साजन, आबैय अहाँक बहुत याद यौ ! क…
Read moreसुनु अहाँक बोली, नई रसगर बुझाइय, सुनु अहाँक ठोली, नई चहटगर बुझाइय !! देखने रहि जे अहाँक, गुलाबक' फुल, देखिते अहाँक चोली, नै सुटगर बुझाइय !! मन मे र…
Read moreदिनेश कुमार राम मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार दिनेश कुमार राम जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में र…
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