हे परदेशी भैया आब अपनो नेपालमे घरबार बनाब पडत पहाडी होय चाहे मधेशी सब अटबला दरबार बनाब पडत हे परदेशी भैया मधेशीकऽ गुलामी देखल नहि जाईए मधेशी कऽ दु:ख …
Read moreछवि : नाविका आ रिआन हाथमे राखी ललाट पर चंदन आइ अछि पावन रक्षाबंधन सिनेहक धारमे बहत दुनियाँ कोन कवि करत महिमा मंडन जेबी खाली हेतैक भाइ सभक बहि…
Read moreमैथिली अछि हमर मातृभाषा, कोना करु दोसर पर आशा ? काश मैथिली पढितौ लिखितौ, मनमे अछि पहिल अभिलाषा !! अङ्ग्रेजी नेपाली खुब रटलियै, अर्थ कि रहे किछ ने बुझलि…
Read more__✍ गायत्री सिंह लहान, सिरहा (नेपाल) - पायल! हेने सुनु एगो बात मलुम अछि ? आजुक कोन दिन छय से? - हँ! आई मंगल् दिन छैक। - चुप! भोथी, आई भेलेन्टाईन डे छै…
Read moreगायत्री सिंह मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार गायत्री सिंह जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रचना, …
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