हसेलक' गुरु कनेलक' गुरु जीनगीमें बहुत कुछ सिखेलक गुरु ।। पढ़ेलक' गुरु लिखेलक' गुरु अन्हारोमें रस्ता देखेलक' गुरु ।। हमर मात…
Read moreआई कतेक बरख पर चान जगलै । मन्दिरमें सुतल ओ भगवान जगलै ।। जे कम्मल तरमे घीऽ पीबै जेठ माहमे । एकैह ललकारमे ओ इंसान जगलै ।। शान्तिक लेल जे मांग करै क्रांत…
Read moreहम कटहरके कमरी आ अहाँ कुवा छी, जोखबतऽ अहाँ पसेरी हम लाबादुवा छी । जीनगी आइ बाचल यऽ हमरेसँ अहाँक, हम फेकल केथरी अहाँ सियल नुवा छी । फाडी मोन हमर …
Read moreमन रहत कारी तऽ माटि रेबारात । दिनेमे अन्हरिया राटि रेबारात ।। टुटि परब अन्केटा भोजपर जखन, सभहा बीचमे सबहक जाएत रेबारात ।। नै करी हरदम जिद्ध अपनेटा बातप…
Read moreआगामें भीड़ देख लोग नुकाइ छै । पैसाके आगा प्रेम नै सुझाइ छै ।। लुच्चाके बातकी विद्वानों छै सनकल । बेरे बखतमें संसार चिन्हाइ छै ।। बेटा मरल तऽ पु…
Read moreजिनगीमें सगरो अछि काँट भरल रस्ता, परवाह कनिको नइ महंग होय आ सस्ता ।। अप्पन सौँसे देवालमें सियाही पोतल छै, देख हाल दोसरके ठहक्का माइर हस्ता ।। …
Read moreसीताके इ पवित्र भूमि, बुद्धकऽ कहाबे पावन धाम ! घर - घर जत तिलकोर तरैये , गाछमे लटकल मिठगर आम !! सुरबीर जै धरतीके बेटा , बुघिमानीके बढका बगान ! लोरिकऽ,…
Read moreदिनेश रसया मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार दिनेश रसया जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रचना, शाय…
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin