नै पुछ मिता कि - कि कहानी छै हमर बालु पऽ साम चढबैत जवानी छै हमर मरुभूमिमे बालुके घोंरस्ँ दही जम्बै छी हम लोक पतीयाइ कहाँ ? …
Read moreअपना अस्थाके निरंतरता दऽ रहल छै मैथिल अही प्रकारे जेना बर्षेनी बहैत नदिके पानि' जे शुरुवाती छोडसँ महासागर तक बहैत रहैय अटुट भऽ विज्ञानके निक जकाँ …
Read moreआँगनक तुलसी कोन कारणे, आई भेलै महकारी दहेजक हावा ऐहन चललै,बेटी आई भेलै भारी तुलसी इ तुलसी खेलसँ, तुलसीक बिज तारल जाई कि तँ कोडियाईते आ लहलहाइते, फेर मार…
Read moreदेह सँ देह सटिते , देह इनहोर भऽ गेलै राति पडल छलै भारी, चटसँ भोर भऽ गेलै बड अजगुत लागल, चारु नयनक भाषा मिलते चारु अन्हारीया, राति इजोर भऽ गेलै…
Read moreअहाँके आद अछि ओ दिन आईसँ ठिक १२ बर्ष पहिने आजुके दिन भेल छलै निबन्ध लेखन प्रतियोगिता २५० शब्दमे तँहिमे धन्यवादके पात्र बनल छली हम अहाँ तरफसँ आ अहाँ …
Read moreतोरे यादमे हम गंजेरी भऽ गेलियौ तोरे नामके हम पुजेरी भऽ गेलियौ बिडि सिकरेट सभ छोडा गेलही तों मुदा तोरे प्रेमक नसेरी भऽ गेलियौ छ…
Read moreहम अतेक बुझितो छवि : मैथिली कलाकार - सरिता साह अपन मन घबाह कर पऽ बिवस भगेलहुँ । कि तोरा मनमे धोंइध छौ जतऽ पहिलेसँ कतोको मन घायल छै तोहर चेछरल घा…
Read moreठोरहक बंद मुस्की हम, निहारैत गेलौं प्रीतम अहाँक प्रीतमे मन, हारैत गेलौं फटकारले अपन इ नयनसँ, अहाँक अंग अंगकें मटक सभ, बिचारैत गेलौं एक - एक नयनक प…
Read moreजगले छी भगले छी अँहु आउ तकले छी छोडब नै लगले छी धनकल नै पकले छी संगे रहब बँटले छी ___________________________________________ __.✍ राम सोग…
Read moreठोरहक बंद मुस्की हम, निहारैत गेलौं प्रीतम अहाँक प्रीतमे मन, हारैत गेलौं फटकारले अपन इ नयनसँ ,अहाँक अंग अंगकें मटक सभ,बिचारैत गेलौं नयनक एक एक पलक गिनिक…
Read moreशब्द जोरिते-जोरिते कतेको पंक्त बिगारिदेलीयै अहाँ पऽ गज़ल लिखेला कते कागज फारिदेलीयै मुदा, निखारि नहि' सकलहुँ अहाँक रुपके महल नई जानि' कतेको मनमे…
Read moreबिन्ती हे माँ सरस्वती, जिनगी हमर समहारि दिय हम अज्ञानी ज्ञानक दिप अहाँ, अहिबेर बाइर दिय आखिँ देखतो आँन्हर छी, अहाँक आशिष बिनु कोन जुक्ति लगाक हम इ अहाँ …
Read moreहमरा लेल तों काँट कोना भऽ गेलही बिनु कटले तों छाँट कोना भऽ गेलही मानैत छलियौ अपना मनक खम्बा आई छिटैकिक' टाट कोना भऽ गेलही तोरा देखिऐक मन मिठ भऽ जाए…
Read moreओहे, कमला नदिके बाँध, ओहे, गामक पिपलकें छैयाँ । मनतँ हमर, अँहिमे डुबल, अहाँ भेलौ केहन कसैया ?।। हम अखनो अहाँकें, ओहिठाम, इन्तजार करै छि । जै बागम…
Read moreकोन आँखि खोललियै भोला, थरथर कापै संसार ! खोलि दियौ दयाकें आँखि भोला, जग होईय अन्हार !! पानि बिनु जीव तड़पै, असारमे बर्खा रुकलै ! कहि दियौं इन्द्रसँ …
Read moreआई निंदबासन रात्रिमे अद्भुत सपन देखलौं । बिचित्र रुपमे एकटा नारी आ हाथमे कफन देखलौँ ।। कुछ लोक ओकरा पछाडी रंग बिरंगकें झण्डा लेने अवाज लगबैत …
Read moreसंदेश लऽकऽ आएल छी अपना माटिके, मनमे धऽकऽ आएल छी अपना माटिके घुमि आएब एक दिन जग ईजोत कऽ, वचन दऽकऽ आएल छी अपना माटिके …
Read moreगगनमे छी अहाँ ! मगनमे छी अहाँ !! गुलाबक, रुपमे ! चमनमे छी अहाँ !! हाथक, सुन्दरता ! कँगनमे छी अहाँ !! प्राकृतिक, भावना ! पवनमे छी अहाँ !! जत जाई …
Read moreमहराज ! हम अहिठाम खेलैत छलौं, हम अहिठाम, शान्तिके गुण गबैत छलौं । क्रन्ति कि होईत अछी ? अर्थो नहिं बुझैत छलौं ।। महराज ! पगलैत बर्फ किय, कठोर भ…
Read moreराम सोगारथ यादव मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार राम सोगारथ यादव जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में र…
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