विद्या दायनी, हंस वाहिनी माँ भगवती ज्ञानक गठरी खोलि दिय हे माँ सरस्वती ।। अहाँक चरण में झुकबैत छी शीष हे देवी कृपा करि, दिय आशीष हे माँ सरस्वती ।।…
Read moreविणा बजबियौ मईया तिनु लोगमे सुनबियौ हंस प ऽ सवार भ ऽ के मईया चलियबि यौ सत/सत नमन हम करैछी सुनुहे मईया शारदा भवानी जकरा प ऽ मईया अहाँक कृपा भ …
Read moreदाया अहाँ करियौ मैयाँ, ज्ञानक दीप के जराबु हे ! बिद्याक सागर अहिँछी मैयाँ, हमरो ज्ञानी बनाबु हे !! हंसवाहन कमलविराजन, बिणा पुस्तक धारिणी ! अज्ञानता क…
Read moreहे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी फोलू ज्ञानक भंडार ह'म अज्ञानी शरणमे अयलहुं शीश झुकओने ठाढ़ । श्वेतवस्त्राम्बुज कमलासिनी वाणी सुधा रसधार कोकिल कंठ दिय'…
Read moreबिन्ती हे माँ सरस्वती, जिनगी हमर समहारि दिय हम अज्ञानी ज्ञानक दिप अहाँ, अहिबेर बाइर दिय आखिँ देखतो आँन्हर छी, अहाँक आशिष बिनु कोन जुक्ति लगाक हम इ अहाँ …
Read moreमाँ सरस्वती दियौं अहाँ सबके बुद्धि,ज्ञान हे अहिं हंसवाहिनी छी अहिं ज्ञानक भन्डार हे बौवा, बुच्ची, सँ लऽकऽ यहाँ बुढ़ बृद्धा सबके ज्ञानक जोती बारैत रहू…
Read moreज्ञानक गठरी खोलि दही न माई बुद्धिक ज्योति बारि दही न माई अज्ञानी के सदैत ज्ञान दैत छिहि तू एस के के सेहो निखारि दही न माई …
Read moreसरस्वती पूजाक शुभ अवसर पर अपने सभक' लेल मिथिलाञ्चल शायरी ल'क' आएल छी सरस्वती पूजा बिशेष रचना, कविता, गज़ल इत्यादि। – जय माता श्री सरस्वती ।
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin