आएल अछि मौका नै गुमाउ यौ मधेशी एहि बेरी अपन ताकत देखाउ यौ मधेशी नदीकेँ पानि जेहेन बहैलक सोनीत भाईके एहि बेरी दुश्मन के मजा चखाउ यौ मधेशी की छेल गलती …
Read moreनहिं ऐलै राति निन्द बस लिखैत गेलहुँ अपन दर्द कागज पऽ निखारैत गेलहुँ रही जमिनपऽ कोना छुब सकब अकाश बस तरेग्न बिच, चाँन्द निहारैत गेलहुँ कमजोर रहिती तऽ क…
Read moreखाली बेटी नई घर छोडि'क जाई छै... बेटा सेहो घर छोडि'क जाई छै !! अप्पन जान सँ बेसी प्रेम भरल लेपटाॅप छोडि'क अलमारी के ऊपर रखल झोइल लागल गिता…
Read moreजा रहल छि हम कैलाश, भोला के बोलाब, बढ़ि रहल छै धरती पर पाप भोला के बताब। अहूँ चलवै साथ तऽ हिम्मत बढ़ि जेतैय रस्ता सेहो निक जेका कटि जेतैय बढ़ि जेतैय ताकत च…
Read moreफूल कहियो दोबरा नै खिलै छै, जन्म कहियो दोबरा नै मिलै छै। मिलै छै लोग हजार मुदा, हजार गल…
Read moreअशोक कुमार सहनी मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार अशोक कुमार सहनी जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में र…
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