ज्ञानक गठरी खोलि दही न माई बुद्धिक ज्योति बारि दही न माई अज्ञानी के सदैत ज्ञान दैत छिहि तू एस के के सेहो निखारि दही न माई …
Read moreझूठ, गलत अवैध काज सँ रुकू, रोकू अछि फरमान तबहि होत पैघ रोज़ा अहाँक मानू सत्य निष्ठान सँ रमदान …
Read moreदर्द करैत अछि छाती तऽ नोर किएक अछि आँखिमें । राति कारी पसरि गेल तऽ भोर किएक अछि आँखिमें । महानगरक तुमुलनादमें टीस हमर मिझरायल सन , चारु भर …
Read moreहिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई , एत: कहलबैत अछि भाई-भाई ! मिथिलाकऽ संस्कार जनहितमें समर्पित , प्राण जाई मुदा वचन नै जाई !! © एस के मैथिल
Read moreस्वर्गसँ सुनर हमर मिथिला जग प्रसिद्ध जनकपुरधाम सीया-धीया जन्मली जहिठाँ ओएह दिव्य अछि हमर गाम __.✍ विन्देश्वर ठाकुर…
Read moreहर मनुष अछि अपना खुशी के नियन्त्रक संग हकदार । मुदा परिश्थिति संग बदलैत जिनगी कस्टकर अछि संसार ।। __.✍ अब्दुर र…
Read moreगोरी लाल गुलाबी गाल अहाँके बड़ सुन्दर अछि फेस ! कतेक दिवान फाँसी चढ़ि जायत दखिकऽ अहाँक रेश्मी केस !! __.✍ प…
Read moreएक दिन के मेला में अतेक बड़का झमेला हरा गेलै हमर कनियाँ कहबै बेटी के अलाउंस करेला © एस के मैथिल
Read moreमईया के सोभे लाल चुनरी आ सोभे गलामें गिरमल हार ! अप्पन मिथिलाञ्चलकऽ पावन धरती पर , मईया अइली होके शेर सवार !! © एस के मैथिल…
Read moreमिथिलाञ्चल शायरी के मैथिली चरिपतिया Categoires में अहाँ सम्पूर्ण साथी सभके सु - स्वागत अछि।
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