घरे घर हाथ जोड़ि मांगौ भोट मुहमे मिसरी, खप्परमे छै खोंट पार्टी- प्रचारमे दौ पाॅटी ओभर, देखही बियर-दारू-मौँस रे ! अखन ने बनल छौ जन-नोकर, जितते बनतौँ बिग…
Read moreअबला नारी छी हम अहाँ लेल तइँ सरकारी छी हम अहाँ लेल॥ जनमेसँ नञि पेटहिके भित्तरसँ, माथक भारी छी हम अहाँ लेल ॥ कतबो जँ पसारि दी ईजोरिया, झामर कारी छी हम…
Read moreउगऽ झट्ट दऽ जुड़ाबऽ जान हे धूमधामसँ पूजब चौठी-चाँन हे चिकनि माटिसँ सभतरि निपलहुँ पिठारक अनेक अरिपन लिखलहुँ चमचम चमकै अंगना-दलान हे उगऽ झट्ट दऽ जुड़ाबऽ …
Read moreछवि : एंकर - सोनी साह चारो पहर,छाती भित्तर,जिलेट चलबैए हमर कनियाँ घोघे तर सँ बुलेट चलबैए॥ ज्या बेर देखैछी लगैए पहिले बेर देखलौ, छु मन्तरक' वाणि…
Read moreहम छलियै उन्निस,ओ बीस भगेलै तै दुनु बीचके प्रेममे कटीस भगेलै॥ खिस्सा अपन विना सुनेनै केकरो, गर्दमगोल ओहिना चहुँदिस भगेलै॥ ल' ओ निदर्दीक नाम खोचारु …
Read moreछवि : सुनिता बिरानके अपना देखैत छी हम बिपनेमे सपना देखैत छी हम॥ ओ एतै आसमे दुआर पर बसि, नै घर,नै अंगना देखैत छी हम॥ सोचैछी दाग दिलकेर झाँपि ली, कत…
Read more'मिथिला' राज्यकेर हम तऽ, जल्दीएँ निर्माण करबौ माए करए पड़ए हँसि- हँसिकऽ, जानो कुर्बान करबौ माए ॥ __.✍ विद्यानन्द वेदर्दी
Read moreकहिँ हमरो जौ बहिन रहैतियै आइ एहेन नञि दिन रहैतियै॥ बन्हाबितौ रक्षाक' बन्हन हमहुँ, खाली हाथ ई रङ्गीन रहैतियै॥ उतारितै नजैर-गुजैर लगा टिका, जीवनपथ न…
Read moreसँच्चमे अहाँक ओ मोहनी मुस्कानके बुझिए नै सकलहुँ। केहेन पागल छलहुँ जे अन्दाजा तक लगा नै सकलहुँ। आखिरमे प्राकृतिक छल या बनावटी? जे छल जेना छल …
Read moreचुटकीयो भरि लाज-शरम करितौ, सोचि-विचारि कोनो करम करितौ॥ मारैएके छल तऽ जिआ जिआ किए, जमीन भित्तर जिन्दा दफन करितौ॥ जौ होइतै ओ करेजामे दिल अहाँके, दुरीक आ…
Read moreएकटा अहिँके तलासमे छी संग जीयब से आसमे छी॥ अहाँ तनमनमे मात्र कहाँ, हमर एक-एक साँसमे छी॥ दर्द सँ फाटि रहल य हिया, जुनि पुछु कते निरासमे छी ॥ हम पियक्…
Read moreगुमान आबो तऽ छोड़ गे ललिया दिल हमर नञि तोड़ गे ललिया॥ साँचल अप्पन तो प्रेमकऽ नाता, हमरे सङ्गे तु जोड़ गे ललिया॥ सप्पत तोहर आबे नै देबौ हम, आँखिमे कहिय…
Read moreमाँ मधेश हकन कानि रहल यऽ ओ निर्लजा नइ जानि रहल यऽ॥ छीनकऽ अनकर हक़-अधिकार चारि-चारि हाथ फानि रहल यऽ॥ समानताके आवाज उठेला बाद, छाती पर बन्दुक तानि रहल य…
Read moreहाल जिनगीके कि हम बताऊ राधा , मोन होइय जिवते मरि जाऊ राधा॥ लागैय चहुँओर गुजगुज अन्हरिया , नेहकऽ दिप लेसने अहाँ आऊ राधा॥ पागल सन अनेरे तकैत छी सगरो , …
Read moreआब तऽ असगर जीब मुस्किल यऽ मिता , चारूओर देखा रहल झिलमिल यऽ मिता !! कहादनि तमसा गेल मोनक देवता हमर , तबे प्रीतमें हमरा, लागल गहिल यऽ मिता !! हरक्षण ओकर…
Read moreआङ्गुर पर नचा रहल य गरिबी बहुत चीज सिखा रहल य गरिबी॥ आन्हर बनि जिवैत रहलौ सदित, आँखि आइ खोला रहल य गरिबी॥ दुखक पहाड़ टुटि गिरल छातीपे, हकनि नो…
Read moreलगाक ऽ गर्दनमें जोरी मरतै कते हे गे गोरी । । बात कि तोहार ( अंदर छौ ) - २ हे हे… डिजाइन बड़ डेंजर छौ ! देखक ऽ मदमस्त यौवन फिसलौ सभक ऽ तनमन गोर…
Read moreअहाँक ऽ चेहरा देख्ते, बेजान देहमें जान आयल ! वर्षहुँ वर्ष बाद आइ ठोर पर मुस्कान आयल !! गुजगुज अन्हारो लागैय हमरा टहटह ईजोरिया ! जेना गगनसँ उतरि ई धर्ती…
Read moreरौ मिता, रौ संगी, हेरौ यार ! स्वार्थबिना दुनिया छै बेकार !! झुठेके बिया बुनि, झुठेके करे खेती ! दुनिया त ऽ छी झुठ - फुस के व्यपार !! क्षणभरिमें…
Read moreविद्यानन्द वेदर्दी मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार विद्यानन्द वेदर्दी जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिल…
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