उगि गेल चौठी के चान खाली हाथ नै देखू कियो हम होई अथवा होई आन ! दही के मट्कुरी लिय या लिय पुरुकिया के पँपथिया सब गोटे कर जोरि करू प्रणाम !! मिथ…
Read moreघर-घर पाड़ल अरिपन देखियौ पसरल पुरी पकवान छै मेघ त'र सँ चंदा निकलल पावनि चौठीचान छै। खाजा लड्डू दही केरा आओर पान मखान छै प्रथम पूज्य आई घर-घर अओताह …
Read moreसम्पूर्ण मिथिलाञ्चलवाशी के मिथिलाञ्चल शायरीक तरफ सँ चौठचन्द्र पावनि के हार्दिक मंगलमय शुभकामना ! अपने सबहक लेल मिथिलाञ्चल शायरी चौठचन्द्र विशेष रचना सब पढ…
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