हे, भोलेदानी, अहीं जगजानी, छी अहीं, महादानी,यौ । यौ सुनियौ हमर गुहार । यौ सुनियौ--- हे, मृगपाणी , अहीं शूलपाणी, अहींक भक्ति में लीन रहैत अछि सब प्राणी…
Read moreमणिकांत झा मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार मणिकांत झा जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रचना, शायरी…
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