जाड़क अलसाएल भोरमे माघक घनघोर कुहेस सन हमर मन-मिजाज मे पसरि गेल छी अहाँ बाबाक सझिया खेतक एक पैरिया आरि पर जन्मल हरियाएल कोमल दूभि पर जमकल ओसक बुन्न …
Read moreघर-घर पाड़ल अरिपन देखियौ पसरल पुरी पकवान छै मेघ त'र सँ चंदा निकलल पावनि चौठीचान छै। खाजा लड्डू दही केरा आओर पान मखान छै प्रथम पूज्य आई घर-घर अओताह …
Read moreहे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी फोलू ज्ञानक भंडार ह'म अज्ञानी शरणमे अयलहुं शीश झुकओने ठाढ़ । श्वेतवस्त्राम्बुज कमलासिनी वाणी सुधा रसधार कोकिल कंठ दिय'…
Read moreप्रियरंजन झा मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार प्रियरंजन झा जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रचना, …
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