Showing posts with the label प्रेमी रविन्द्रShow all
|| फेर सँ पूर्णिमाक चान जागल ||
|| नसीब ||
|| गरीबकें एहने कथा छै ||
|| इ राखीके डोर अछि ||
|| गरीबक' पिड़ा ||
|| जय जय जय मिथिला ||
Maithili Chutkula - एकदिन सोनु मोनु गाउँ सँ बाहर घुमेबाक लेल गेल ...
Maithili Shayari - मनक अरमान तऽ इहे छल की
|| बौवा हमर ||
|| पढ़ु लिखू ||
|| जंग के ऐलान करैत छी ||
|| मिथिलानी ||
Maithili Shayari - अप्पन जीवन संगिनी बना लिअ हमरा
|| संस्कार अप्पन मिथिला के ||
Maithili Chutkula - एक दिनके बात छैक एगो छौड़ी ...
गीत - परदेशी यौ परदेशी
|| गरीबक' पिड़ा ||
|| माई के नेह ||
|| एलै राखीक' त्योहार पावन ||
|| राखीक' सन्देश ||