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गज़ल ~ आइ फूल अपन ब्यथा सुनबै अछि
गज़ल ~ रहि-रहि कऽ बाट हम ताकी
गज़ल ~ बिनु अहाँ राति' लग
गज़ल ~ चलु गौरी फेरो ओहि मिथिला अंगना
【  कता ~ ४  】
गज़ल ~ समाजक' नाङ्गैरकट्टा अगुवा
भगवती गीत
गज़ल ~ जे निज स्वार्थ में डुबल अछि
Maithili Shayari ~ छे तू हमर रूपमती ...
गज़ल ~ मिथिलाक  संतान
गज़ल ~ दुर रहैत  छि हुनके संग में
रचनाकार बिजय कुमार झा