आइ फूल अपन ब्यथा सुनबै अछि ! कोना'क जीवन अपन बितबै अछि !! कांटक बीचमे रहि नमहर भेलै ! आबि'क वो भमहरा रस पीबै अछि !! किनको खोपाके सुन्दरत…
Read moreरहि-रहि क ऽ बाट हम ताकी, राखी सँ सजा रखने छि थारी !! जखन अबै अहि गली में गाड़ी, खिड़की सँ चटहि हुलकी मारी !! नैहर सँ भेजतै माइयो सनेश, भौजी भेजथिन फेर स…
Read moreबिनु अहाँ राति' लगै पहाड़ सन । दिन सेहो सगरो लगै अन्हार सन ।। कतबो दिअ अहाँ भरोसा यौ साजन । लगैय हमरा ओ छुछ दुलार सन ।। घर सँऽ बहराइते सब ताक…
Read moreचलु गौरी फेरो ओहि मिथिला अंगना ! बनल रहियै हम ओतइ उगना !! कैलाशो हमरा आब निक नै लगैया ! मिथिले में रहबै मिल'क दुनु जना !! जहिए सँ हम एलौ भाँ…
Read moreनिज भाषा निज माटि, पानि के, हम सब मिल सम्मान करी ! अपनहि …
Read moreसमाजक' नाङ्गैरकट्टा अगुवा बानर नाच नाचै छै ! राजनीती के अगुवा सब मदारी बनि' नचाबै छै !! वो जे दलाने दलान कल जोड़ीक' घुमैत छलै ! सत्ताक उन…
Read moreआँजुरकऽ कटोरा सँग ढार छि आयल अहाँ के द्वार हे मइया सुनियौ अहाँ पुकार अहि भिखारी के करू उद्धार अहिंक रचल अछि संसार सगरो पसरल छै अत्याचार हे मइया सहल न…
Read moreजे निज स्वार्थ में डुबल अछि, हुनका एतबे बुझल अछि !! भेटत कहाँ सँ की की हमरा, ताहि जुगाड़ में घुसल अछि !! सायत भेटतैन नहि आब, तें तऽ आइ वो रुसल अ…
Read moreछे तू हमर रूपमती, छे तू हमर गुणमति ! तुही छे हमर चान, हम छि तोरा लें हैरान तू छे हमरे सँ परेसान !!
Read moreमिथिला एहन महान छै एत: ज्ञान आ विज्ञान छै मजगुत अछि अतेक सामाज जे संग - संग बेद कुरान छै अनेक जात…
Read moreदुर रहैत छि हुनके संग में , नेह बसल अछि अंग अंग में !! तन मन रंगल अछि हमर, अहि केर रंगल ओहि रंग में !! कतबो सम्हारइ छि अपना के, रहि नहि पबै छि…
Read moreबिजय कुमार झा मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार बिजय कुमार झा जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रचना…
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