गज़ल - धरती मचौलकै ताण्डव भाई बड़ विशाल

धरती मचौलकै ताण्डव भाई बड़ विशाल !
जहि में पैर ध्वस्त भेलै सौंसे नेपाल !!

कामना केलियै सुख समृद्धिक ईश्वर सँ !
दुःखद खबर संग भेलै सुरु नयाँ साल !!

जेकरे कहि माई पुकारलियै सबकोई !
वोहे बनलै सभक जीनगीक महाकाल !!

घरसँ बेघर केलकै छीन लेलकै प्राण !
मुह मोड़ि लेलकै तोड़ि मायाक जाल !!

कतेक दिनक भुखाएल रहै माई !
जे घोंईट गेलै अपने फूल सनक लाल !!
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