गज़ल - छोड़ि देलौं हमर संग

छोड़ि देलौं हमर संग कत चलि गेलौं अहाँ !
 ह्रदय के अंग - भंग कत चलि गेलौं अहाँ !!

सजौने रही मोनक गाममें अहाँके फूल सँ !
ओही फूलके क बेरंग कत चलि गेलौं अहाँ !!

रहे किछु नै पता पढेलौं अहीं प्रेमक पाठ !
जगा क प्रेमक उमंग कत चलि गेलौं अहाँ !!

फूलो सँ बेसी हमर कोमल मन तोड़ि देलौं !
छाति भीत्तर क सुरंग कत चलि गेलौं अहाँ ! !

कतेक फुलल - फुलाएल रहे जिनगी हमर !
उजारि जिनगीक रंग कत चलि गेलौं अहाँ !!
सरल बार्णिक आखर : १७
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