गज़ल - अहाँकऽ चेहरा

अहाँक चेहरा देख्ते, बेजान देहमें जान आयल !
वर्षहुँ वर्ष बाद आइ ठोर पर मुस्कान आयल !!

गुजगुज अन्हारो लागैय हमरा टहटह ईजोरिया !
जेना गगनसँ उतरि ई धर्ती पर चान आयल !!

नै जानि किए इ मोन उडि - उडि जाईय अहिं पाछु !
लागैय फेरसँ अपन बनि कियो अञ्जान आयल !!

आँखिमें आँखि द एकबेर जँ मुस्की चौवनी देलौं !
लागल इ दिलके, जिनगीमें सारा जहान आयल !!

बनि प्रेम - तपस्वी कठोर तपस्या केलौं अहिं लेल !
सायद खुश भ वर देबालय भगवान आयल !! 
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