छवि : एस के मैथिल |
हमर देह कारी
आँखिक दुनू
नयन कारी !!
बात करैत छैक
बड़ भारी तैयो !
कहैत छैक
हमरा कारी !!
किए अतेक
गुमान करैत छी !
अहूँक नयन तऽ
छैक कारी !!
बिना कारी सँ
दुनिया चलत कोना ?
ताहि' सँ राति' कऽ रंग
छैक कारी !!
हवामे उड़ैत अहाँक
रेशम नियन केश !
पूछि लिय अप्पन केश सँ
ओकरो रंग छैक कारी !!
ई जग में बिना कारी के
ज्ञान पाबि' कहाँ ?
कलम के सियाही कऽ
रंग छैक कारी !!
हम कारी
हमर देह कारी !
आँखिक दुनू
नयन कारी !!
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__.✍ एस के मैथिल
स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक,
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