|| बाबा अहाँक कतेको नाम ||

हे, भोलेदानी,
अहीं जगजानी,
छी अहीं, महादानी,यौ ।
यौ सुनियौ हमर गुहार । यौ सुनियौ---
हे, मृगपाणी ,
अहीं शूलपाणी,
अहींक भक्ति में लीन रहैत अछि सब प्राणी,
छी अहीं, जीवनक' अाधार, यौ। यौ--
हे, जग पालक,
अहीं प्रतिपालक,
छी हम सब, अहिंक आज्ञापालक, यौ। यौ---
हे, महाकाल ,
दर्शन लेल सब अछि बेहाल,
बिन कहले अहॉ सबहक,
जनैत छी हाल यौ । यौ---
हे, कैलाशी,
अहीं अविनाशी,
छी अहीं, हमर महा विलासी यौ। यौ अहॉ--
हे,त्रिलोकेश्वर,
अहीं चन्द्रशेखर ,
छी अहीं, त्रिभुवनक सरकार यौ ।यौ--
हे, दयाक सार,
छी अहाँ, बसहा पर सवार ,
सबहक जिनगी पर,
अहिंक अछि अधिकार यौ ।यौ---
हे, अर्धनारेश्वर,
अहीं महेश्वर ,
छी अहीं, हमर रूद्रेश्वर यौ ।यौ--
हे, अनीश्वर,
अहीं विश्वेश्वर,
छी अहीं ,हमर परमेश्वर यौ।यौ--
हे ,दक्षाध्वरहर,
अहीं दिगम्बर,
छी अहीं, हमर अम्बर यौ। यौ--
हे, अन्तर्यामी,
अहीं सर्वज्ञानी,
छी अहीं, साधने मसानी यौ । यौ अहाँ--
हे, कृपालु ,
अहीं दीन दयालु ,
अहिंक चरण समर्पित,
अछि सब श्रद्धालु यौ । यौ
हे, पिनाकी
अप्पन स्नेह बटैयत छियै,
अहाँ भरि'-भरि' ढ़ाकी । यौ भरि'--
हे विष्णुवल्लभ,
अहिंक दर्शन अछि दुर्लभ,
भक्तक ध्यान रखैयत छी हर पल । यौ --
हे, त्रिपुरान्तक,
सेवा में लागल रहैत अछि,
सेवक, जिनगीक' अन्त तक,
छियै अहीं, सबहक शुभ चिन्तक यौ । यौ---
हे, पशुपति,
अहाँ छी पार्वती कऽ पति,
अहीं में छलीह समर्पित सती ,
हुनके वियोग में केलियै अहीं,
तांडव नाच,यौ।यौ तांडव-
हे, भक्तवत्सल,
अहीं सँ छी हम सब सबल,
अहीं में संसार अछि बसल । यौ---
हे, आराध्य,
अहीं छी साध्य,
अहीं में छैक आध्य, यौ।यौ अहीं ---
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 दरभंगा, बिहार (भारत)