घर-घर पाड़ल अरिपन देखियौ
पसरल पुरी पकवान छै
मेघ त'र सँ चंदा निकलल
पावनि चौठीचान छै।
खाजा लड्डू दही केरा
आओर पान मखान छै
प्रथम पूज्य आई घर-घर अओताह
पारवतीक संतान छै
मेघ त'र.... पावनि........!
धीआ-पुता सब महा प्रसन्न छथि
उगताह चान लपकताह पूआ
निष्कंलक चान आ रोहिणी सँ
मैया मगतीह काया-धूआ
महाराज महेश ठाकुरक पौत्र हेमाङ्गद के
आरम्भ कैल विधान छै
मे'घ त'र.....पावनि.........!
दादी मैया हाथ उठएथिन्ह
बाबू कटता म'र'र
फूल-फल लए गोर लगै जाउ
पावनि मिथिलाक महान छै
मेघ त'र सँ चंदा निकलल
पावनि चौठीचान छै........!
_______________________________________
__.✍ प्रियरंजन झा
दरभंगा, बिहार
पसरल पुरी पकवान छै
मेघ त'र सँ चंदा निकलल
पावनि चौठीचान छै।
खाजा लड्डू दही केरा
आओर पान मखान छै
प्रथम पूज्य आई घर-घर अओताह
पारवतीक संतान छै
मेघ त'र.... पावनि........!
धीआ-पुता सब महा प्रसन्न छथि
उगताह चान लपकताह पूआ
निष्कंलक चान आ रोहिणी सँ
मैया मगतीह काया-धूआ
महाराज महेश ठाकुरक पौत्र हेमाङ्गद के
आरम्भ कैल विधान छै
मे'घ त'र.....पावनि.........!
दादी मैया हाथ उठएथिन्ह
बाबू कटता म'र'र
फूल-फल लए गोर लगै जाउ
पावनि मिथिलाक महान छै
मेघ त'र सँ चंदा निकलल
पावनि चौठीचान छै........!
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__.✍ प्रियरंजन झा
दरभंगा, बिहार