गज़ल - अपन काजर बना लिअ हमरा

अपन काजर बना लिअ हमरा !
नैनमें ये सजा लिअ हमरा !!

देखिते हम भ गेलौं पागल !
तें करेजसँ सटा लिअ हमरा !!

झुमबै साँझ आ भोरे उठि !
सांसमें बस बसा लिअ हमरा !!

दूर छी सबसँ पड़तारल ये !
तें त लगमें बजा लिअ हमरा !!

नै पुछू किय कनैत रहैछी !
नेह देखा हँसा लिअ हमरा !!
मात्राक्रम : २१२२-१२२-२२ 
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