|| कनियाँ बड़ मन पडैय ||

अपना मनक दर्द चुपके ,
किनको प्रेमक सहारा सँ !
खाडि बन्जर मारभूमि में ,
एकल जीवन काटि रहल हम !!

देखै छि पकर्ने हाथ ,
फिल्पिन, इन्दोनेसियन 
एक दोसर के ,
हमर भित्री मन झनैक उठैय !
छोइड आएल घरे ,
कनियाँ बड़ मन पडैय !!

साथ रहल संग सित बतास में ,
बात केने बसन्त बहार में ,
काटल दिन राति साथ में ,
सोचिते मन तड़ैप उठैय !
छोइड आएल घरे ,
कनियाँ बड़ मन पडैय !!

पूर्णिमाक चाँद सन गोर ,
चमकैत रूप सजनी के ,
गुलाब जेहन गुलाबी गाल के ,
अपना ठोर सँ चुमब !
करिते दिलमें इरादा ,
सेरायल मन झूमि उठैय !!
छोइड आएल घरे ,
कनियाँ बड़ मन पडैय !!!
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