सालकऽ प्रतिक्षा सभकऽ दूर भेलै निकलैय चान ।
मुस्लिम भायकऽ महान पर्व सुरु भेलैय रमजान ।।
भरि मास भुख पियास सहि जपतै हुनके नाम ।
रखने अते विश्वास अल्लाह देतै नीके वरदान ।।
दुःख सब टा बिसरि ईद दिन चमकतै चेहरा ।
पसरतै बिहुसल ठोर पर ये खुशीकऽ मुस्कान ।।
सब संग गला मिलतै करतै ईद मुबारक यौ ।
हात मिलाकऽ मित्रता गढ़तै चाहे रहे कोई आन ।।
माथ पर टोपी लगा देह में रहतै कुरता नायाँ ।
बढौतै शान बनल रहतै मुस्लिमकऽ पहिचान ।।
सरल वार्णिक बहर आखर : १९
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मुस्लिम भायकऽ महान पर्व सुरु भेलैय रमजान ।।
भरि मास भुख पियास सहि जपतै हुनके नाम ।
रखने अते विश्वास अल्लाह देतै नीके वरदान ।।
दुःख सब टा बिसरि ईद दिन चमकतै चेहरा ।
पसरतै बिहुसल ठोर पर ये खुशीकऽ मुस्कान ।।
सब संग गला मिलतै करतै ईद मुबारक यौ ।
हात मिलाकऽ मित्रता गढ़तै चाहे रहे कोई आन ।।
माथ पर टोपी लगा देह में रहतै कुरता नायाँ ।
बढौतै शान बनल रहतै मुस्लिमकऽ पहिचान ।।
सरल वार्णिक बहर आखर : १९
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