|| एलै राखीक' त्योहार पावन ||

सावनक महिना  रे सुगना
लगैय खूब मन भावन !
भाई बहिनक सुनर प्रित
एलै राखी त्योहार पावन !!

भाई बहिनक प्रेम अनमोल
राखी करत रक्षा, भैयाक मोर !
परदेसियाक बहिन करैय सोर 
एलै राखी मुदा एलै नै भैया मोर !!

हमरो बहिनिया के हेत अभिलाषा 
किन क लेने हेत मिठगर बताशा !
उतारि क आरती, मुह करबै मीठा 
बान्हब भैयाक हाथमें रेशम के धागा !!

हम परदेशिक छै परदेशमें डेरा 
राखी बिन रहत ई हाथ हमर सुना !
देखत बहिनिया बाट आजु मोरा 
राखी हाथमें लके भैया तोरा !!

सन्देश हमर लजो रे कागा 
बहिनिया नोर धारैत हेतै अँगना !
कहि क अबिहे बहिनिया, नै कानू अहाँ 
छोड़ि परदेश एबै, छै मोर बहिनिया जहाँ !!
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