|| अहाँक नैनक' तीर ||

कतेक बयान करू हम ,
सगरमाथा सिर के !
अबैय याद प्रिय ,
अहाँक नैनकऽ तीर के !!

सुनबै छी दुःखकऽ बात ,
ई बिरान विदेश के !
अबैय याद हमरा
मिथिला प्रदेश के !!

नै पुछू कथा ब्यथा ,
कतेक अछि पीर के !
याद अबैय हमरा प्रिय ,
अहाँक बनावट शरीर के !!

सोर्ह शृघार करि सपनामें ,
बजबैत छी छागल !
मोहनी मुस्कान अहाँक ,
जेना हमरा कऽ देत पागल !!

वर्णन की करू हम ,
अहाँक चेहरा हँसिन के !
देखि - देखिकऽ राति बितैय ,
प्रिय अहाँक तस्वीर के !!
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