|| नचारी बनिक' नाचि' रहल छी ||

अप्पन दुःखक' बखेड़ा सुनाबि रहल छी ,
अकेले धुनमें गाबि रहल छी !
के सुनतै हमर ई दर्द भरल खिस्सा ?
एहिसँ नचारी बनिक' नाचि' रहल छी !!

देखहो फुटि गेलै हमर कपार ,
आब कोना हेतै हमर सभक' बेरा पार ?
सब अपने धुनमें लागि रहल छी ,
एहिसँ नचारी बनिक' नाचि' रहल छी !! 

सबठाँ छै मधेशी भाईसब परल ,
देखहो तोरो भाई छो मरल !
इएह सोनित के गाथा गाबि' रहल छी ,
एहिसँ नचारी बनिक' नाचि' रहल छी !! 

भटैक गेल छा तू सब कोन बाट प ?
किलोल करि रहल छो बुढ़िया माई खाट प !
भड़कल भाई बन्धु के बुलाबि रहल छी ,
एहिसँ नचारी बनिक' नाचि' रहल छी !!

भेटतो नै अप्पन सभक' अधिकार ,
छिनबा नै जौले तू दिन देखार !
माँ मधेशक' पुकार सुनबि' रहल छी ,
एहिसँ नचारी बनिक' नाचि' रहल छी !!
___________________________________________


__.✍ एस के मैथिल 
स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक,