किनको नै होइत अछि कफ़न रंगीन जिनगी में ,
हमर अप्पन कहै छी किया ज़मीन जिनगी में !!
घेरा घेरकऽ प्रेमके पाथर बनौलकऽ हृदय ,
फेर सोचैछी किछु करब हम अधीन जिनगी में !!
प्रेम हमर पवित्र अछि देब नै कहियो धोका ,
कऽतऽ चलि गेलौ कराकऽ यकीन जिनगी में !!
दुनियाँ अछि धूर्त ई पीठ घोपैय नुकाकऽ ,
अपने-आप सँऽ बचबाकऽ लेल कठीन अछि जिनगी में !!
कि करत हमरा ई धामका रहल अछि राजदेव के ,
प्रेमकऽ युद्ध जीत लेलकऽ नवीन जिनगी में !!
हमर अप्पन कहै छी किया ज़मीन जिनगी में !!
घेरा घेरकऽ प्रेमके पाथर बनौलकऽ हृदय ,
फेर सोचैछी किछु करब हम अधीन जिनगी में !!
प्रेम हमर पवित्र अछि देब नै कहियो धोका ,
कऽतऽ चलि गेलौ कराकऽ यकीन जिनगी में !!
दुनियाँ अछि धूर्त ई पीठ घोपैय नुकाकऽ ,
अपने-आप सँऽ बचबाकऽ लेल कठीन अछि जिनगी में !!
कि करत हमरा ई धामका रहल अछि राजदेव के ,
प्रेमकऽ युद्ध जीत लेलकऽ नवीन जिनगी में !!
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