गज़ल ~ अहिं छी जीव के आस प्रिय

अहिं छी जीव के आस प्रिय !
हम केलौ अहिं पऽ विश्वास प्रिय !!

प्रेमकऽ ई फूल हृदय में फूलाकऽ !
करेलौ प्रेमकऽ एहसास प्रिय !!

मोनकऽ ई बात कहै छी अहाँ के !
अहिं हमर जिनगीकऽ खास प्रिय !!

देखी नै एक्को पल हम अहाँ के तऽ !
रुकि जाईय धडकन आ साँस प्रिय !!

किछु दिन करू प्रतिक्षा राजदेब के !
छोडि आएब अहाँ लेल प्रवास प्रिय !!
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