|| जय मिथिला ||

हे मिथलावासी मैथिलगण
भेलौ अहाँ कोना पथभ्रष्ट ?
हे यौ देश कनैय अश्रुधार
सुतल छी तैयो मस्त मगन

जँऽ आन यै कनियो पुर्खाके तऽ
देश ई अप्पन जतन कऽ लिअ
कयलौं बड़ कुकर्म अहाँ
आबो तऽ कनिको धरम कऽ लिअ

जिनगी अप्पन सफल कऽ लिअ
माँ मिथिलाके नमन कऽ लिअ
जय मिथिला ! जय जय मैथिली !!
कखनो कऽ एहनो भजन कऽ लिअ
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हाल : दोहा, क़तार