जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ ७

करम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी

जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही

भाग ~ 


 ( नवधिया चलि दैत छथि ओई लाल के जोडी लएबाक लेल । जाएत - जाएत नवधिया वही नदी लग पहुंचैय । फेर देखैत छैक ऊ लाल एकदम सँ भासैत रहैय । नवधिया  चलैत - चलैत भुखा गेल छल । ओ सोचैत छथि जे पहिने जल्खै खाबि लितौं  तब ई समान लऽकऽ घर जाएब । जल्खै खेलाक बाद नवधिया के मनमें एक सवाल पैदा होईक छै जे ई लाल - लाल गोल समान कतऽ सँ भासैत आबि रहल अछि । ई पता लगावलेल नवधिया नदीके कातेकात सिरा के ओरी चैलि दैत छैक । जाएत - जाएत दश कोस उत्तर चलि जाएत छथि । तेकर बाद एक महा घना जंगल आबैत अछि । ओईठाम  नवधिया एक गज़ब दृश्य देखैत छथि । एक गाछी के दुफेरिया ठाँरिमें  एक सुन्दर कुमारी कनियाँ के मुडी काटि के टांगल, ओई मुडी से जतेग बुन्द खुन चुबै सब ओई नदी के पानिमें गिरलाकऽ बाद लाल बनि जाएत छलैथ । आ ओई कनियाँ के धर गाछ के जोरमें रहैय संगे बगलमें एक लाल एक हरियर रंग के तलवार राखल रहैत अछि । आउर एक नारियल के माहि भयंकर गाछ सेहो रहैत अछि ।एकाएक नवधिया के नजर वोई सुन्दर कनियाँ के नजर सँ टकराइत अछि । उ सुन्दर कनियाँ नवधिया के देख के खलखल हँसे लागैय आ नवधिया सँ पुछैत अछि ... )

सुन्दर कनियाँ : ह..हा..हा.. सुनु अहाँ के छी ? आउर ऐम्हर कतऽ एलौं ?

( नवधिया डर सँ भागे लगैत अछि । )

सुन्दर कनियाँ : देखु अहाँ नै डराउ, हम अहाँ के किछ नै करब ।

( नवधिया रुकि जाएत छथि )

सुन्दर कनियाँ : देखु हम जे - जे कहैत छी से - से अहाँ करु, हमर ई मुडी खोईल के गाछ तरमें धर छैक अहाँ धर आ मुडी बीचमें हरियर रंग के तलवार राखि  दियौं आ फेर उ हरियर रंग के तलवार खीँच लियौं ।

( नवधिया सुन्दर कनियां केँ कहल अनुसार मूडी खोईल केँ आनै छैथ आ धँर मूडी केँ बीच मेँ हरिहर तलवार राईख केँ खीँच लै छै । सुन्दर कनियां सुगबुगाँ के उठै छैथ । ओकर नाम रहै छैथ लाँल कनियां । ओ नवधिया सेँ कहै छै । )

लाल कनियाँ : अहाँ ऐम्हर कथी खोज एलौं हँ ?

नवधिया : हम ऐम्हर अखन जे नदी लाल ढिक्का भासैत नै छेल हम ओकरे खोजी करेबाक लेल एतऽ तक एलौं ।

लाल कनियाँ : देखु हमर पिता जी के आवै के समय भेल जाएत छैक । हमर पिता राक्षस छथिन ओ अहाँ के देखत तेअँ  गिर जेता । से नै हम जेना - जेना कहैत छी ओनहायते करब ।

नवधिया : अच्छा अहाँ जेनहायते कहवै कर लेल हम ओनहायते करब ।

( लाल कनियाँ मनेमन बिचार करै छथिन आब फेर कहिया ई मनुष्य सँ भेट हेत आ नै हेत से नै ऐह  मौका छियै हम अपन पिता जी के एकर हाथसँ बध कराबिकऽ एकर संग शादी कऽ लेब । ओकरा सँ ओकर नाम पुछै छथि । )

लाल कनियाँ : अहाँ के नाम कि अछि ?

नवधिया : हमरा सब कियो नवधिया कहैत अछि हमर नाम नवधिया अछि ।

लाल कनियाँ : देखु हम सुतै छी । अहाँ ई लाल तलवार सँ हमर मुडी काटि के पहिने जेना टांगल छल ओनहायते टांगि के अहाँ फूलवारीमें नुका के केनहायतो राति काटि लिय । काईल सवेरे हमर पिता जी फेर शिकार करऽ जेता तेकर बाद हम बोलाईब तब अहाँ आबि ।

नवधिया : ठीक छैक, हेतै ।

( नवधिया, लाल कनियाँ कऽ बात मानि फूलवारी राति गुजारि लैत अछि । )

क्रमश :