गज़ल ~ दुर रहैत छि हुनके संग में

दुर रहैत  छि हुनके संग में ,
नेह बसल अछि अंग अंग में !!

तन मन रंगल अछि हमर,
अहि केर रंगल ओहि रंग में !!

कतबो सम्हारइ छि अपना के,
रहि नहि पबै छि एत: ढंग में !!

देखिते दोसरा में अहाँक रूप,
हम रहि जाइ छि फेर दंङ्ग में !!

नेहक समुद्र के हिलकोर संग,
टकराइ छि सब बेर बंग में !!
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