गज़ल ~ माँ मधेश हकन कानि रहल यऽ



माँ मधेश हकन कानि रहल यऽ
ओ निर्लजा नइ जानि रहल यऽ॥

छीनकऽ अनकर हक़-अधिकार
चारि-चारि हाथ फानि रहल यऽ॥

समानताके आवाज उठेला बाद,
छाती पर बन्दुक तानि रहल यऽ॥

सब एक्के गाछकऽ डारि-पात छी,
खस सरकार नै मानि रहल यऽ॥

मोनमे राखिकऽ तृष्णाकऽ भण्डार
राष्ट्रवादी अपनाके ठानि रहल यऽ॥

लिला ओकर देखिके 'विद्यानन्द'
माथ पर कफन बान्हि रहल यऽ॥
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