|| मन्तोरिया हमर आँखिमे ||

प्रवासी जिनगीक सात बर्षमे
बदलि गेल छैक जिनगीक खिस्सा
परिवर्तन भऽ गेल छैक
जिनगीक सबटा एकाइ
खानपान, रहनसहन
अतेकधरि कि
खनाइ, सुतनाइ आ
श्वास लेनाइधरि।
मुदा,
समय केर अतेक परिवर्तन संगे
किए नै बदलले तो ?
किए नै बदललौ तोहर चरित्र ?
विवाह केर अतेक दिवस उपरान्तो
नित किए अबैत छे तो
हमर सपनामे ?
किए बसैत छे तो
हमर मोनक आंगनमे ?
जऽ कहि सकैत छे त कहिदे
गे हम्मर मनतोरिया !
आओर कतेक दिन नचैत रहबे
सुख-दुख बनिक' डिम्हा पर
हम्मर करिया आँखिमे ?
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__✍ विन्देश्वर ठाकुर 
जनकपुर धाम (नेपाल)
हाल : दोहा, क़तार