भगवान अहाँ अभिमान हमर,
हम मूरख छी अहाँ ज्ञान हमर
सुनु विनती हमर हे करुणाकर
आबहु तऽ करू कल्याण हमर ।।
भगवान अहाँ अभिमान हमर........
कतेको के अहाँ तारल हे प्रभु
हम तऽ छि दुःख के मारल हे प्रभु
आब हारि गेलौं अहि जग सँ हम
दिय' शरण मे अपन स्थान हमर !
भगवान अहाँ अभिमान हमर........
थिकहुँ ब्रह्म अहिं, अहिं विष्णु थिकहुँ
थिकहुँ अहिं कृपा निधान हमर
करी विनती अहाँ सौं सांझ-परात
प्रभु दूर करू अज्ञान हमर !
भागवान अहाँ अभिमान हमर .......
बहय आँखि सँ अश्रुधार हमर
अछि दुःख में परल परिवार हमर
कोना नीक लगैत अछि आहाँ के प्रभु
चिंता में परल संतान एम्हर
भागवान अहाँ अभिमान हमर……
घर ने दुआरिक अछि ठेकान हमर
कनियों टा दियौ दालान हमर
आब विनती सुनु हे करुणाकर
नहि तऽ ल' लिय' आब प्राण हमर
भगवान अहाँ अभिमान हमर.......
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