|| गामक रसगुल्ला के भोज ||

सुनिते मूंह में आयल पानि'
फाँकि के बैसलौंह हम जमैन।

भोज हेतै आई टोले में
बटत रसगुल्ला डोले में ।

खेबै हम तs गोटेक सोरे
देखल जेतै फेर भोरे-भोरे।

दहियो देखबै भरि' कसतारा
गामक भोज तs सारा रारा।
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