आबू सबकिओ मिलि करैछी
औझका दिनके स्वागत यौ
पुत्रक घर सूर्यदेब पहुँचल
करियौन आगत भागत यौ ।।
शनी देवता पुत्र छयनि हिनकऽ
मकर राशीके स्वामी यौ
उत्तरायणके समय थिक ई
मोक्ष प्राप्ति हेतु असानी यौ ।।
औझके दिनमे भागिरथ बाबा
गंगा पृथ्वीपर लौने छलाह
सगर सन्तती अपन पुर्खाके
निश्कलंक बैकुण्ठ पठौने छलाह ।।
आजुक दिनके पैघ महत्व
बेद पुराण बतबैत अछि
अर्जुनके प्रेरणा श्रीकृष्ण सँ
गीता श्लोक पढबैत अछि ।।
एखनो सबठाँ औझके दिनमे
तिल- चाउर खेनाइ रीत रहल
भाइचरा सँ एक दोसरसंग
लाइ-मुरही खाएब प्रीत रहल ।।
किए ने एहन शुभ अवसरपर
किछु नभका कोनो काज करी
एक जुट भऽ सब मैथिलसब
नव युगक प्रारम्भ करी ।।
अपन भाषा अपन भेष हो
इएह सदिखनि अछि कामना
तिला संक्रान्तिक पुण्य तिथीमे
सब मैथिलके हमर शुभकामना ।।
औझका दिनके स्वागत यौ
पुत्रक घर सूर्यदेब पहुँचल
करियौन आगत भागत यौ ।।
शनी देवता पुत्र छयनि हिनकऽ
मकर राशीके स्वामी यौ
उत्तरायणके समय थिक ई
मोक्ष प्राप्ति हेतु असानी यौ ।।
औझके दिनमे भागिरथ बाबा
गंगा पृथ्वीपर लौने छलाह
सगर सन्तती अपन पुर्खाके
निश्कलंक बैकुण्ठ पठौने छलाह ।।
आजुक दिनके पैघ महत्व
बेद पुराण बतबैत अछि
अर्जुनके प्रेरणा श्रीकृष्ण सँ
गीता श्लोक पढबैत अछि ।।
एखनो सबठाँ औझके दिनमे
तिल- चाउर खेनाइ रीत रहल
भाइचरा सँ एक दोसरसंग
लाइ-मुरही खाएब प्रीत रहल ।।
किए ने एहन शुभ अवसरपर
किछु नभका कोनो काज करी
एक जुट भऽ सब मैथिलसब
नव युगक प्रारम्भ करी ।।
अपन भाषा अपन भेष हो
इएह सदिखनि अछि कामना
तिला संक्रान्तिक पुण्य तिथीमे
सब मैथिलके हमर शुभकामना ।।
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