गज़ल ~ की छी अहाँ

रुसना    ठकहरबा    चितचोर    की   छी   अहाँ
साँझ     दुपहरिया     भोर     की     छी     अहाँ

हमर   हृदयक   भाव   मागक   सिनूर  टिकुली
तामस   खुशी   आँखिक   नोर   की   छी   अहाँ

अखारक   पहिल   बुन्नी   भादबक  मुसलाधार
साओनक   लट   कारी   घनघोर  की  छी  अहाँ

तूबैत    सिंगरहार     फुलाइत    बेली    अरहुल
की  गहुमक  गाछ हरिअर  कचोर  की छी अहाँ

तुलसी  चौड़ा लगका दीप हवन कुण्डक आहुति
हृत्विक  त्यागी  सन्यासी  अघोर  की  छी अहाँ

इजोरिया रातुक शान्त   पोखरिमे चानक छाँही
बाढ़ि सन  दहबति कोसीक  हिलोर की छी अहाँ

विद्यापतिक पदावली राजेन्द्र विमलक गज़ल
नारायणजीक  कवितो  थोड़  थोड़  की छी अहाँ
________________________________________



Post a Comment

0 Comments