दाया अहाँ करियौ मैयाँ,
ज्ञानक दीप के जराबु हे !
बिद्याक सागर अहिँछी मैयाँ,
हमरो ज्ञानी बनाबु हे !!
हंसवाहन कमलविराजन,
बिणा पुस्तक धारिणी !
अज्ञानता के हटाबु मैयाँ,
ज्ञानक जोत बरसाबु हे !!
जेकरामे समैंलौ मैया,
ओकर जिनगी बनैलौँ अहाँ !!
जेहने बनैलौँ कालिदास के,
ओहने हमरा बनाबु हे !!
अहिँ सँ आस हे मैयाँ जगतारण,
सत्य सिनेहक बरदान दिअ !
हाथ जोरैछी हे मैयाँ शारदे,
हमरो आब सम्हारू हे !!
हाथ जोडि कहैछि मैयाँ,
दिनेशक कलमपर बैसल रहु,
बेटा बुझिक आब हे मैयाँ
कनिक हमरो दुलारू हे !!
ज्ञानक दीप के जराबु हे !
बिद्याक सागर अहिँछी मैयाँ,
हमरो ज्ञानी बनाबु हे !!
हंसवाहन कमलविराजन,
बिणा पुस्तक धारिणी !
अज्ञानता के हटाबु मैयाँ,
ज्ञानक जोत बरसाबु हे !!
जेकरामे समैंलौ मैया,
ओकर जिनगी बनैलौँ अहाँ !!
जेहने बनैलौँ कालिदास के,
ओहने हमरा बनाबु हे !!
अहिँ सँ आस हे मैयाँ जगतारण,
सत्य सिनेहक बरदान दिअ !
हाथ जोरैछी हे मैयाँ शारदे,
हमरो आब सम्हारू हे !!
हाथ जोडि कहैछि मैयाँ,
दिनेशक कलमपर बैसल रहु,
बेटा बुझिक आब हे मैयाँ
कनिक हमरो दुलारू हे !!
_____________________________________________
0 Comments