अहाँके जाईते जग्मगाईत इजोरिया कारी लगैय
दिन कटि जाई छै कहुना राति बड़ भारी लगैय
छुटलै जहिये अहाँक ठोरक मधुरस के रसपान
तहिये सँ आब मिठ भाङ धथुर दारु तारी लगैय
बुझा गेलै प्रीतक टेमी साथ छुटलै हाथ छुटलै
सुन्सान गुज अन्हरिया घर अङगना बारी लगैय
चलिए गेलि तऽ आब कतौ रहु बस खुशहाल रहु
मुदा हमर नाम तक बिसरा जाएब इ तऽ गद्दारी लगैय
दिन कटि जाई छै कहुना राति बड़ भारी लगैय
छुटलै जहिये अहाँक ठोरक मधुरस के रसपान
तहिये सँ आब मिठ भाङ धथुर दारु तारी लगैय
बुझा गेलै प्रीतक टेमी साथ छुटलै हाथ छुटलै
सुन्सान गुज अन्हरिया घर अङगना बारी लगैय
चलिए गेलि तऽ आब कतौ रहु बस खुशहाल रहु
मुदा हमर नाम तक बिसरा जाएब इ तऽ गद्दारी लगैय
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