(एक दिन मिंटू के बाबू राधेश्याम कहैत अछि)
राधेश्याम: ई छौरा राइत के उल्लू के जका जगैत अछि और दिनमें देर तक सुतैत अछि................ई गदहा सँ घोड़ा जब बनतै जँऽ दिन में जल्दी उठतै।
मिंटू: जल्दी सँ तऽ मुर्गा भि उठैत अछि मगर मुर्गा के कि मिलैत अछि ... लोग ओकरा काईट कऽ खाऽ लैत अछि नऽ …
राधेश्याम: ई छौरा राइत के उल्लू के जका जगैत अछि और दिनमें देर तक सुतैत अछि................ई गदहा सँ घोड़ा जब बनतै जँऽ दिन में जल्दी उठतै।
मिंटू: जल्दी सँ तऽ मुर्गा भि उठैत अछि मगर मुर्गा के कि मिलैत अछि ... लोग ओकरा काईट कऽ खाऽ लैत अछि नऽ …