Maithili Chutkula - एकदिन सोनु मोनु गाउँ सँ बाहर घुमेबाक लेल गेल ...

एकदिन सोनु मोनु गाउँ सँ बाहर घुमेबाक लेल गेल छल। बाट्में एगो पैघ आदमी अप्पन कपार के पत्थर प खूब जोर सँ पिट रहल देखिक सोनु कहैत अछि !

सोनु : रे ! मोनु इ बुढ़वा अप्पन कपार किया पिट रहल अछि। 
मोनु : हमरा की मालुम...चल त बुढ़वा सँ पुछैत छियै !
सोनु : ठीक छै चल…
मोनु : बाबा की भेलो… कियाक अप्पन कपार पत्थर प कपड़ा जका पिट रहल छा। 
बाबा : ( मोनु दिस ताकि जोर सँ कहैत अछि। )
रे भगले की नै भगले, तोरे जका एगो जुवनका छौरा हमर बेटी के रातिमें लक भागि गेल… और तोरा मज़ाक सुझा रहल छौ। 
सोनु : ( बुढ़बाक दर्द प नुन छिड़ैक क कहैत अछि )
 तोरे संगे रहतो जीनगी भर…